अगर हम श्रद्धापूर्वक पूर्ण आस्था के साथ आध्यात्मिक सद्ग्रन्थ का स्वाध्याय करते हैं, अनुशीलन करते हैं, तो हमें इसका लाभ प्राप्त होता है | सद्ग्रन्थों के स्वाध्याय से तत्त्वज्ञान की प्राप्ति होती है तथा यथार्थ सम्बोध से पुन: योगाभ्यास होता है |
-संत प्रवर विज्ञान देव जी महाराज